30 अक्टूबर 1928 को कमीशन लाहौर पहुंचा तो लाला लाजपत राय के नेतृत्व में जोरदार विरोध दर्ज कराया गया.

30 अक्टूबर 1928 को कमीशन लाहौर पहुंचा तो लाला लाजपत राय के नेतृत्व में जोरदार विरोध दर्ज कराया गया. अंदोलन को दबाने के लिए ब्रिटिश शासन ने बर्रबरता पूर्वक लाठी चार्ज किया. जिसमें लाला लाजपत राय को गहरी चोटें आई. जिसके चलते 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया.28 Jan 2025
लाला लाजपत राय (28 जनवरी 1865– 17 नवम्बर 1928) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे।
सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अन्ततः 17 नवम्बर सन् 1928 को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी।
लाला लाजपत राय कई बड़े आंदोलनों में शामिल हुए थे।
साइमन कमीशन के खिलाफ किए गए आंदोलन से उन्हें एक अलग पहचान मिली।
लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल की तिकड़ी लाल-बाल-गोपाल के नाम से देशभर में लोकप्रिय थी।