करवा चौथ भारत में अब बहुतायत में विवाहिताओं द्वारा किया जाने वाला व्रत बन चुका है।

करवा चौथ भारत में अब बहुतायत में विवाहिताओं द्वारा किया जाने वाला व्रत बन चुका है।
करवाचौथ में लोकवेद के अनुसार यानी सुनी सुनाई पद्धति पर रखे जा रहे इस व्रत में सजना सँवरना और दिन भर व्रत रहकर कुछ निर्धारित परंपरा के साथ व्रत खोला जाता है।
इस करवाचौथ पर हम जानेंगे कि क्या यह व्रत शास्त्रों के अनुसार सही है? जानिए करवाचौथ व्रत की तिथि, विधि, हर सुहागन स्त्री की कामना, कैसे बढ़ाएं आयु, मानव जीवन का मूल उद्देश्य और अटल सुहाग, शास्त्र विरूद्ध भक्ति के दलदल से निकलने के मार्ग के बारे में।
करवा चौथ पर महिलाएं अन्न-जल का त्याग करके शरीर को कठोर कष्ट देती हैं।
करवा चौथ का व्रत सुहागिनें अपने पति की दीर्घ आयु के लिए रखती हैं और कुछ कन्याएं अपने लिए अच्छे जीवनसाथी को पाने की कामना हेतु। भारतीय संस्कृति में पति का स्थान महत्वपूर्ण है। प्रत्येक महिला चाहती है कि उसके पति की आयु दीर्घ हो एवं उसकी मृत्यु के पहले उसके पति की मृत्यु कदापि न हो। किन्तु वे यह नहीं जानतीं हैं
कि पति की आयु आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार कैसे बढ़ सकती है
और इसका सही उपाय जाने बिना देखा-देखी या लोकवेद के अनुसार यह करवा चौथ का व्रत रखना शुरू कर देती हैं।