विज्ञान
जीन-एंटोनी वट्टू (1684-1721) 18वीं सदी के शुरुआत के सबसे प्रभावशाली फ़्रांसीसी चित्रकारों में से एक थे.
जीन-एंटोनी वट्टू (1684-1721) 18वीं सदी के शुरुआत के सबसे प्रभावशाली फ़्रांसीसी चित्रकारों में से एक थे.
उनका जन्म फ़्रांस के उत्तर में वैलेंसिएनेस में हुआ था.
उन्होंने ‘मेज़ेटिन’ नामक पेंटिंग भी बनाई थी.
उन्होंने फ़ेटे गैलांटे नामक एक प्रकार की पेंटिंग का भी आविष्कार किया.
उन्होंने इतालवी कॉमेडी या कॉमेडिया डेल’आर्टे की भी कई पेंटिंग बनाईं.
उन्होंने ‘पिलग्रिमेज टू द आइल ऑफ़ साइथेरा’ नामक पेंटिंग बनाई थी.
उन्होंने ‘द परफ़ेक्ट एकॉर्ड’ नामक पैनल की अपूर्ण प्रतिलिपि भी बनाई थी.
उन्होंने ‘फ़ेटे चैंपेट्रे’ नामक पेंटिंग भी बनाई थी.
उन्होंने ‘पिएरो’ नामक पेंटिंग भी बनाई थी.
उन्होंने ‘लव इन द इटैलियन थिएटर’ और ‘लव इन द फ़्रेंच थिएटर’ जैसी पेंटिंग भी बनाई थीं.
उन्होंने ‘वौलेज़-वौस ट्रायम्फ़र डेस बेलेस?’ नामक पेंटिंग भी बनाई थी.
वे 1702 में पेरिस पहुंचे थे.